श्री राम भजन | लोकप्रिय राम भजन लिरिक्स, गीत और भक्ति संगीत

कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़े | भजन लिरिक्स हिंदी में

कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़े | भजन लिरिक्स हिंदी में
21 Jun

कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़े भजन लिरिक्स

कभी कभी भगवान को भी
भक्तो से काम पड़े।
जाना था गंगा पार,
प्रभु केवट की नाव चढ़े ॥


अवध छोड़ प्रभु वन को धाये,
सिया-राम लखन गंगा तट आये।
केवट मन ही मन हर्षाये,
घर बैठे प्रभु दर्शन पाए ।
हाथ जोड़ कर प्रभु के आगे
केवट मगन खड़े।
जाना था गंगा पार
प्रभु केवट की नाव चड़े ॥


प्रभु बोले तुम नाव चलाओ,
पार हमे केवट पहुचाओ ।
केवट बोला सुनो हमारी,
चरण धुल की माया भारी ।
मैं गरीब नैया है मेरी
नारी ना होए पड़े।
जाना था गंगा पार
प्रभु केवट की नाव चड़े ॥


केवट दौड़ के जल भर ले आया,
चरण धोय चरणामृत पाया ।
वेद ग्रन्थ जिन के गुण गाये,
केवट उनको नाव चढ़ाए ।
बरसे फूल गगन से ऐसे,
भक्त के भाग्य जगे।
जाना था गंगा पार
प्रभु केवट की नाव चढ़े।।


चली नाव गंगा की धारा,
सिया राम लखन को पार उतारा ।
प्रभु देने लगे नाव चढाई,
केवट कहे नहीं रघुराई ।


कभी कभी भगवान को भी
भक्तो से काम पड़े।
जाना था गंगा पार,
प्रभु केवट की नाव चढ़े ॥
पार किया मैंने तुमको,
अब मोहे पार करो।
जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े ॥

 


FAQs (Frequently Asked Questions)

Q1: 'कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़े' भजन का भावार्थ क्या है?
A1: यह भजन दर्शाता है कि भगवान अपने भक्तों से कितना प्रेम करते हैं कि कभी-कभी उन्हें भी अपने भक्तों की मदद लेनी पड़ती है।

Q2: यह भजन किस भावना को व्यक्त करता है?
A2: यह भजन भक्ति, विश्वास और भक्त-भगवान के रिश्ते की गहराई को व्यक्त करता है।

Q3: क्या यह भजन किसी विशेष अवसर पर गाया जाता है?
A3: इसे सत्संग, भजन संध्या या आध्यात्मिक प्रवचनों में गाया जाता है।

Q4: यह भजन किस शैली का है?
A4: यह एक भावनात्मक और भक्ति रस से भरपूर भजन है।

Q5: क्या यह भजन ऑनलाइन उपलब्ध है?
A5: हां, यह भजन यूट्यूब और अन्य भक्ति संगीत प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है।


आप भक्ति साधना जगत के तीव्र अपडेट के लिए इस व्हाट्सएप्प चैनल को जरूर Follow कर लेवें।
 

Leave Message

Stay Connected With Us

Post Your Comment