श्री राम भजन | लोकप्रिय राम भजन लिरिक्स, गीत और भक्ति संगीत

मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ - राम भजन लिरिक्स

मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ - राम भजन लिरिक्स
12 Jun
मैली चादर ओढ़ के कैसे। द्वार तुम्हारे आऊँ॥
हे पावन परमेश्वर मेरे। मन ही मन शरमाऊँ॥
मैली चादर ओढ़ के कैसे...||
 
तूने मुझको जग में भेजा। निर्मल देकर काया॥
आकर के संसार में मैंने । इसको दाग लगाया॥
जनम जनम की मैली चादर। कैसे दाग छुड़ाऊं॥
मैली चादर ओढ़ के कैसे। द्वार तुम्हारे आऊँ ॥
 
निर्मल वाणी पाकर तुझसे। नाम ना तेरा गाया॥
नैन मूँदकर हे परमेश्वर। कभी ना तुझको ध्याया॥
मन-वीणा की तारे टूटी। अब क्या राग सुनाऊँ॥
मैली चादर ओढ़ के कैसे । द्वार तुम्हारे आऊँ ॥
 
इन पैरों से चलकर तेरे । मंदिर कभी ना आया॥
जहाँ जहाँ हो पूजा तेरी। कभी ना शीश झुकाया॥
हे हरिहर मैं हार के आया। अब क्या हार चढाउँ॥
मैली चादर ओढ़ के कैसे। द्वार तुम्हारे आऊँ ॥
 
तू है अपरम्पार दयालु। सारा जगत संभाले॥
जैसा भी हूँ मैं हूँ तेरा । अपनी शरण लगाले॥
छोड़ के तेरा द्वार दाता। और कहीं नहीं जाऊं॥
मैली चादर ओढ़ के कैसे। द्वार तुम्हारे आऊँ ॥
 

 

 

FAQs - मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ राम भजन

Q1: "मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ" भजन का अर्थ क्या है?
A1: इस भजन में भक्त भगवान राम से अपनी दोषों और कमजोरियों के बावजूद उनसे जुड़ने की विनती करता है। ‘मैली चादर’ अपने पापों या गलतियों का प्रतीक है, जो देखकर संकोच होता है।

Q2: यह भजन किसने लिखा है?
A2: यह भजन पारंपरिक राम भक्तिगीतों में से एक है, लेकिन इसके सटीक रचयिता के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है।

Q3: इस भजन का विषय क्या है?
A3: यह भजन भगवान राम की भक्ति और उनके प्रति समर्पण का परिचायक है, जो भक्त की आत्मा की पवित्रता और क्षमा की भावना को दर्शाता है।

Q4: इस भजन को कब और कहाँ गाया जाता है?
A4: यह भजन मुख्य रूप से राम नवमी, भक्ति सभा, प्रभात बेला के समय और धार्मिक आयोजनों में गाया जाता है।

Q5: क्या इस भजन के संगीत वर्जन उपलब्ध हैं?
A5: हाँ, कई प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा इस भजन के संगीत वर्जन रिकॉर्ड किए गए हैं, जो यूट्यूब और अन्य म्यूजिक प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं।


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