ना स्वर है ना सरगम है भजन लिरिक्स | Bhajan Lyrics in Hindi
1. परिचय (Introduction):
"ना स्वर है, ना सरगम है" एक प्रसिद्ध हनुमान भक्ति गीत है, जो भगवान श्री हनुमान की महिमा और उनके अद्वितीय बल का वर्णन करता है। यह भजन भक्तों के दिलों में विशेष स्थान रखता है और संकटों से मुक्ति की कामना करता है।
ना स्वर है, ना सरगम है, ना लय ना तराना है |
3. भजन का अर्थ (Meaning of the Bhajan):
यह भजन भगवान हनुमान के अद्वितीय कार्यों और उनके समर्पण को दर्शाता है। प्रत्येक पंक्ति में उनके द्वारा किए गए महान कार्यों का वर्णन है, जैसे सूरज को निगलना, लंका को जलाना, और राम के प्रति उनकी अटूट भक्ति।
4. FAQ (Frequently Asked Questions):
प्रश्न 1: "ना स्वर है, ना सरगम है" भजन किसने लिखा है?
उत्तर: यह भजन एक प्रसिद्ध हनुमान भक्ति गीत है, लेकिन इसके लेखक के बारे में स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है।
प्रश्न 2: इस भजन को कब और कहां गाया गया था?
उत्तर: यह भजन विशेष रूप से हनुमान जयंती और मंगलवार के दिन मंदिरों में गाया जाता है।
प्रश्न 3: इस भजन का क्या महत्व है?
उत्तर: यह भजन भगवान हनुमान की महिमा का गुणगान करता है और भक्तों को उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति की प्रेरणा देता है।
Leave Message